इंग्लैंड की बल्लेबाजी कमजोर, भारत जीत सकता है सीरीजः हरभजन

punjabkesari.in Thursday, Aug 23, 2018 - 11:25 AM (IST)

नाटिंघमः अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि इंग्लैंड की बल्लेबाजी काफी कमजोर है और स्पिन तथा तेज गेंदबाजों दोनों के सामने कमजोर पड़ रही है जिससे भारत पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला जीत सकता है। पहले दो टेस्ट हारने के बाद भारत ने तीसरे टेस्ट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 203 रन से जीत दर्ज करके श्रृंखला में वापसी की।  

इंग्लैंड की बल्लेबाजी पड़ रही है कमजोर
हरभजन ने कहा, ‘‘इंग्लैंड का बल्लेबाजी क्रम समस्या से घिरा है। वे ऐसे खेल रहे हैं मानो भारत दौरे पर हैं। ऐसा लग ही नहीं रहा कि वे अपने देश में खेल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनकी बल्लेबाजी स्पिन और तेज आक्रमण दोनों के सामने कमजोर पड़ रही है। उनके कुछ स्टार बल्लेबाजों का घरेलू र्सिकट में औसत 30-35 का रिकार्ड रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत में आपको चयन के लिए नाम पर विचार होने के लिए भी 50 से ऊपर का औसत चाहिये। उनके पास वनडे में गहराई है लेकिन टेस्ट में नहीं।’’ 

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इंग्लैंड में खेलना आसान नहीं
हरभजन का मानना है कि भारतीय टीम को अनावश्यक आलोचना का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड में खेलना आसान नहीं होता। आप यह नहीं कह सकते कि पिछली भारतीय टीमों ने यहां बेहतर प्रदर्शन किया। हमने 2007 के अलावा इंग्लैंड में आखिरी बार श्रृंखला कब जीती थी। हम बहुत जल्दी आलोचना करने लगते हैं।’’

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इंग्लैंड में मैच के हालात होते हैं अलग
हरभजन ने कहा, ‘‘इंग्लैंड के हालात में ढलने में समय लगता है। कितना भी अभ्यास कर लो, मैच हालात अलग होते हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ओवल टेस्ट में हालात भारत के पक्ष में होंगे और दो स्पिनरों को उतारा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत अगला टेस्ट जीत सकता है और ओवल में कुछ भी हो सकता है। ओवल की विकेट भारत जैसी है जिस पर दो स्पिनरों को उतारा जा सकता है। भारत के पास ऐसे में श्रृंखला जीतने का सुनहरा मौका है।’’

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38 टेस्ट में 38 बदलाव बहुत ज्यादा है: हरभजन 
हरभजन का मानना है कि 38 टेस्ट में 38 बदलाव बहुत ज्यादा है लेकिन कोहली एंड कंपनी अगर नतीजे दे रही है तो इससे फर्क नहीं पड़ता। भारत ने कोहली की कप्तानी में 38 टेस्ट में 38 अलग अलग संयोजन के साथ खेला है। हरभजन ने कहा, ‘‘निजी तौर पर मेरा मानना है कि 38 टेस्ट में 38 बदलाव कुछ ज्यादा है। लेकिन हर कप्तान अलग होता है और हर टीम की जरूरत अलग होती है। जरूरत के अनुसार खिलाड़ी चुने जाते हैं और यह रणनीति उनके लिये कारगर साबित हो रही है।’’

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Mohit

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