मौका मिले तो मैं विश्व चैम्पियन कार्लसन से सीरीज खेलना चाहूँगा – गुकेश
punjabkesari.in Monday, Aug 15, 2022 - 08:01 AM (IST)
ओलंपियाड स्वर्ण पदक विजेता गुकेश का खास इंटरव्यू - पंजाब केसरी प्रतिनिधि निकलेश जैन के द्वारा
Photo Source - World Chess Federation ( FIDE )
दिल्ली के आईजी इंडोर स्टेडियम में 2018 की जनवरी माह में भारत के 16 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश 12 साल 7 माह की उम्र में दुनिया के दूसरे तो भारत के सबसे कम उम्र के ग्रांड मास्टर बने थे और तब से लेकर अभी सम्पन्न हुए शतरंज ओलंपियाड में इस खिलाड़ी की यात्रा आसधारण रही है ,अपने डॉक्टर माता पिता पद्मा और रजनीकान्त और माँ के साथ दुनिया भर में शतरंज के खिताब जीतते जीतते गुकेश नें शतरंज ओलंपियाड के पहले बोर्ड का स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया । गुकेश ने इस दौरान विश्व चैंपियनशिप उपविजेता रहे दिग्गज फबियानों करूआना और अलेक्सी शिरोव को मात देकर विश्व के टॉप 25 में अपना स्थान बनाकर आनंद के भारत के सबसे अधिक रेटिंग का खिलाड़ी बना लिया है ! और पूर्व विश्व महिला चैम्पियन सुसान पोल्गर समेत कई बड़ी हस्तियों के अनुसार भारत से एक नया विश्व चैम्पियन आकार ले रहा है , गुकेश नें पंजाब केसरी के प्रतिनिधि निकलेश जैन से खास बातचीत की ।
शतरंज ओलंपियाड के अपने प्रदर्शन के बारे में क्या कहोगे ? ओलंपियाड के लिए आपका क्या लक्ष्य था ?
गुकेश – शतरंज ओलंपियाड में मेरा प्रदर्शन शानदार था और मुझे गर्व है की अपने देश के लिए मैं ऐसा खेल पाया ,निश्चित तौर पर काओई मौको पर मैं और अच्छा कर सकता था और मुझे उसका पछतावा है पर कुल मिला कर यह अच्छा प्रदर्शन था ।
आप 2700 अंक पार करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी हो क्या आपको लगता है की आपके खेल जीवन में कम उम्र का होना आपके लिए एक अच्छी बात है ?
गुकेश – हाँ मैं 2700 अंक पार करने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी हूँ और किसी भी खेल में कम उम्र का होना अच्छी बात है इससे आपको ज्यादा अवसर मिलते है और जैसे की मैं विश्व टॉप 25 में आ गया हूँ और जो अनुभव मिलेगा वह मेरे बाद के खेल जीवन के लिए एक अतिरिक्त मदद होगी ।
अब किस तरह के टूर्नामेंट खेलना चाहोगे ? क्या आपके इस प्रदर्शन के बाद आप सुपर ग्रांड मास्टर टूर्नामेंट में भाग लेना चाहोगे ?
गुकेश – मैं अब तक इंटरनेशनल ओपन खेलते आया हूँ पर अगर इस प्रदर्शन के बाद मुझे शीर्ष खिलाड़ियों से खेलने का मौका मिलता है तो मैं कठिन से टूर्नामेंट खेलना चाहूँगा
भारत में हुए शतरंज ओलंपियाड की आपको सबसे अच्छी बात क्या लगी ?
गुकेश – ओलंपियाड की सबसे अच्छी बात इसका आयोजन ,दर्शको का प्यार और हर मुक़ाबले में एक मजबूत खिलाड़ी से खेलने का मौका मिलना थी ,साथ ही खेल से प्यार करने वाले कई लोगो से मिलना वो भी मेरे गृह नगर चेन्नई में इस इतिहासिक महोत्सव का होना बहुत खास बात थी ।
ओलंपियाड में कौन सा मैच आपका पसंदीदा रहा ?
मेरे हिसाब से अर्मेनिया के सेर्गेसियन गेब्रियल और साथ ही स्पेन के दिग्गज खिलाड़ी आलेक्सी शिरोव से खेली गयी मेरी बाजी बेहद खास थी और मुझे इसमें अपना खेल बहुत पसंद आया ।
उज्बेकिस्तान से जीत ना पाने का मलाल क्या अभी भी है ? उस दिन के बाद खुद को कैसे सम्हाला था ?
गुकेश – हाँ मुझे उज्बेकिस्तान से ना जीत पाने का दुख है वह मेरे हाथ में था ,मैं अब्दुसत्तारोव के खिलाफ जीत रहा था पर खेल में ऐसा होता है और मैं जानता हूँ की ना यह पहली बार है ना आखिरी बार जब आपको एक दुख देने वाली हार मिलती है तो मैंने इसे स्वीकार किया है और शतरंज का खेल की मेरा जीवन है तो उतार चढ़ाव आते जाते रहेंगे ।
गुकेश का अगला लक्ष्य क्या है ?
मेरा अगला लक्ष्य अपनी लय और निरंतरता को बनाए रखना है
अगर आपको मौका मिले तो किस खिलाड़ी से आप मैच की सीरीज खेलना चाहेंगे ?
गुकेश – फिलहाल मेरे पसंदीदा खिलाड़ी मेगनस कार्लसन है और शायद यह थोड़ा जल्दी है पर अगर उनके खिलाफ मौका मिले तो मैं इसे एक सीखने की लिए बेहतरीन अनुभव मानते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा