40 से 45 ओवरों में विकेट निकाल रहे Kuldeep Yadav ! एक्सपर्ट्स ने बताया- कैसे किया ऐसा
punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2025 - 06:48 PM (IST)
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बेंगलुरू : कुलदीप यादव की बाएं हाथ की कलाई की स्पिन गेंदबाजी शेन वार्न या अब्दुल कादिर की तरह आकर्षक नहीं है। भारतीय गेंदबाज का जादू सादगी और साहस में छिपा हुआ है और पिछले रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ भारत के चैंपियन्स ट्रॉफी मैच को याद करें तो यह धारणा सही साबित होगी। पाकिस्तान बल्लेबाजी कर रहा था और टीम ने पारी के 8 ओवर शेष रहते 5 विकेट पर 200 रन बना लिए थे। फॉर्म में चल रहे सलमान आगा और खुशदिल शाह क्रीज पर थे। कप्तान रोहित शर्मा ने कुलदीप को गेंद थमाई। सलमान ने इसे रन बनाने के मौके के तौर पर देखा और बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में रविंद्र जडेजा को कैच दे बैठे। अगली ही गेंद कुलदीप ने तेज गेंद फेंकी और शाहीन शाह अफरीदी को पहली ही गेंद पर आउट कर दिया और पाकिस्तान का स्कोर 7 विकेट पर 200 रन हो गया। यह विविधता और बल्लेबाजों का त्वरित आकलन ही है जो कुलदीप को मैच के किसी भी चरण में, यहां तक कि अंतिम 10 ओवरों में भी, एक वास्तविक खतरा बनाता है।
भारत के एक पूर्व स्पिनर ने कहा कि चोट के बाद वापसी करने के बाद थोड़ी निर्ममता की कमी हो सकती है लेकिन उसने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। कुलदीप की गेंदबाजी में सटीकता है और इसलिए कप्तान डेथ ओवरों में भी उन्हें गेंद थमाते हैं जैसा कि रोहित ने दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ किया था। आंकड़े बताते हैं कि कुलदीप ने 2015 से 40 से 45 ओवरों के बीच 43 पारियों में 25 विकेट लिए हैं। इस समय अंतिम 10 ओवरों में आउटफील्ड में 5 क्षेत्ररक्षकों को खड़ा करने की स्वीकृति होती है। कुलदीप 40 से 45 ओवर के बीच लिए गए विकेटों के मामले में साथी कलाई के स्पिनरों राशिद खान (36) और एडम जंपा (29) से पीछे लेकिन इंग्लैंड के लेग स्पिनर आदिल राशिद (25) के बराबर हैं। कुलदीप ने कहा कि उन्हें डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने की चुनौती पसंद है। उन्होंने कहा कि मैं अंतिम 10 ओवरों में गेंदबाजी करने में पहली पसंद बनने में सक्षम था। यहां तक कि कप्तान को भी लगा कि जब आपके पास विविधता होती है तो स्पिनरों के खिलाफ बड़े शॉट खेलना बहुत मुश्किल होता है। विकेट (दुबई में) धीमा था और यह मेरे लिए अच्छा था। मैं गति और रॉन्ग वन या टॉप-स्पिन के साथ मिश्रण करने की कोशिश कर रहा था।
कुलदीप ने 43वें ओवर में लगातार गेंदों पर आगा और अफरीदी को आउट करने की बारीकियां बताते हुए कहा कि सलमान का पहला विकेट सामान्य चाइनामैन गेंद थी। यह धीमी गेंद थी लेकिन मैं गति में विविधता लाया। जाहिर है, दूसरा विकेट (अफरीदी) पहली गेंद का असर था। मैं विकेट को निशाना बना रहा था। मुझे लगा कि रॉन्ग वन को हिट करना बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि इसलिए मुझे सोचना होगा कि मैं किस गेंद पर हिट कर सकता हूं। और अगर विकेट धीमा है तो अंदर आने वाली गेंदों को खेलना मुश्किल होता है। इसलिए यही मेरी योजना थी। कुछ समय में अंतिम 11 में कुलदीप के स्थान को लेकर बहस चल रही थी क्योंकि वरुण चक्रवर्ती को आईसीसी की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में जडेजा और अक्षर पटेल के बाद तीसरे स्पिनर के रूप में देखा जा रहा था और इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में उनके द्वारा दिखाए गए फॉर्म के कारण यह पूरी तरह से गलत विचार भी नहीं था।
भारत के पूर्व स्पिनर ने कहा कि वरुण के प्रति पूरा सम्मान है लेकिन ऐसी बातें किसने शुरू कीं? अगर कुलदीप फिट और फॉर्म में हैं तो उन्हें आपका पहला, दूसरा या तीसरा स्पिनर होना चाहिए इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सफेद गेंद के क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड देखें, यह कमाल का है। वह मैच के किसी भी चरण में गेंदबाजी कर सकते हैं और रन गति को कम करने या विकेट दिलाने का काम कर सकते हैं।