ओलंपिक से पहले चोटों से मुक्त रहने के लिए प्रतिबद्ध मीराबाई चानू

punjabkesari.in Friday, Jun 21, 2024 - 05:03 PM (IST)

नई दिल्ली : ओलंपिक रजत पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू को लगता है कि पेरिस खेलों में उनकी सफलता उनकी चोटों से मुक्त रहने की क्षमता पर निर्भर करेगी क्योंकि वह इस महासमर की स्नैच स्पर्धा में 90 किग्रा का वजन उठाने का प्रयास करेंगी। चानू 49 किग्रा वजन वर्ग में प्रतिस्पर्धा करती हैं। उन्होंने कहा कि सात अगस्त को उनकी स्पर्धा तक उनका ध्यान मासंपेशियों को चोटों मुक्त रखने और स्नैच में कम से कम 90 किग्रा का वजन उठाने के लिए तकनीक सुधारने पर लगा है। 

चानू ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) मीडिया से कहा, ‘मेरे लिए चोटों का प्रबंधन और तनाव मुक्त रहना महत्वपूर्ण होगा। मुझे वही चीजें करनी होंगी जिससे मुझे उबरने में मदद मिली।' उन्होंने कहा, ‘हम खिलाड़ियों के लिए चोटें और दर्द साथी होते हैं। ये कब परेशान करना शुरू कर दें, आपको नहीं पता। हमें इन पर विजय पानी होगी और पेरिस ओलंपिक से पता चलेगा कि मैं खेल के इन पहलुओं को कितना नियंत्रित करने में कामयाब हुई।' 

चानू का स्नैच में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88 किग्रा तथा क्लीन एवं जर्क में 119 किग्रा का है। वह चोटों से जूझती रही हैं और पीठ की समस्या तो हमेशा ही रहती है। एशियाई खेलों में वह कूल्हे की चोट से परेशान थीं जिससे वह पांच महीने तक खेल से दूर रहीं। यह स्टार भारोत्तोलक एशियाड पदक नहीं जीत सकी है। चानू ने कहा, ‘एशियाई खेलों की चोट के बाद विश्व कप मेरी पहली प्रतियोगिता थी। मैं निश्चित रूप से और चोट लगने से डरी हुई थी। मैं पेरिस ओलंपिक का मौका खराब नहीं करना चाहती थी। इसलिये चोट का डर था।' 

चानू और उनकी टीम जुलाई के पहले हफ्ते में फ्रांस के ले फर्टे-मिलोन जायेगी जिससे उन्हें ओलंपिक से पहले परिस्थितियों से सांमजस्य बिठाने के लिए एक महीने का समय मिल जायेगा। उन्होंने कहा, ‘किसी भी भारोत्तोलक के लिए दो ओलंपिक में हिस्सा लेना बड़ी चीज है। विश्व स्तर पर हिस्सा लेना मुश्किल है। दूसरा ओलंपिक पदक जीतना मेरा और मेरे परिवार का सपना है लेकिन मैं यह भी जानती हूं कि सर्वश्रेष्ठ तैयारी भी ‘फेल' हो सकती है।' 


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Content Writer

Sanjeev

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