भारतीय धाविका PT Usha राज्यसभा के लिए मनोनीत, ऐसा रहा है उनका खेल करियर
punjabkesari.in Wednesday, Jul 06, 2022 - 08:38 PM (IST)

खेल डैस्क : भारतीय धाविका पीटी ऊषा को राज्यसभा के लिए मनोनित किया गया है। खुद पीएम मोदी ने ट्विट कर उन्हें बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्विट में लिखा- पीटी ऊषा जी हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा हैं। खेलों में उनकी उपलब्धियों को व्यापक रूप से जाना जाता है, लेकिन पिछले कई वर्षों में नवोदित एथलीटों का मार्गदर्शन करने के लिए उनका काम उतना ही सराहनीय है। राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर उन्हें बधाई।
The remarkable PT Usha Ji is an inspiration for every Indian. Her accomplishments in sports are widely known but equally commendable is her work to mentor budding athletes over the last several years. Congratulations to her on being nominated to the Rajya Sabha. @PTUshaOfficial pic.twitter.com/uHkXu52Bgc
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2022
पीटी ऊषा का पूरा नाम पिलावुल्लाकांडी ठेकेरापरम्बिल ऊषा है। उन्हें भारतीय ट्रैक और फील्ड की रानी कहा जाता है। केरल में जन्मी ऊषा भारतीय खेलकूद में 1979 से सक्रिय रही। उन्हें पय्योली एक्स्प्रेस के नाम से भी जाना जाता है। केरल के कोजिकोड जिले के पय्योली ग्राम में जन्मी ऊषा ओ.एम नम्बियार की खोज माने जाते हैं जिन्होंने उन्हें पहली बार देखा। 1980 के मास्को ओलिम्पिक में उनकी शुरुआत कुछ खास नहीं रही। 1982 के नई दिल्ली एशियाड में उन्हें 100मी व 200मी में रजत पदक मिला। इसके बाद कुवैत में एशियाई ट्रैक और फील्ड प्रतियोगिता में 400 मीटर दौड़ में एशियाई कीर्तिमान के साथ उन्होंने स्वर्ण जीता।
ऊषा इसके बाद नहीं रुकीं उन्होंने 1983-89 के बीच में एटीएफ खेलों में 13 स्वर्ण जीते। 1984 के लॉस एंजिलिस ओलम्पिक की 400 मीटर बाधा दौड़ के सैमीफाइनल में वह पहले नंबर पर थीं लेकिन फाइनल मुकाबले में वह मैडल नहीं जीत पाईं। उन्होंने 1/100 सैकेंड की वजह से कांस्य पदक गंवाया था। 1986 में सियोल में हुए दसवें एशियाई खेलों में दौड़ कूद में ऊषा ने 4 स्वर्ण व 1 रजत पदक जीते। 1985 में जकार्ता में हुई एशियाई दौड-कूद प्रतियोगिता में उन्होंने 5 स्वर्ण पदक जीते। एक ही अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में छ: स्वर्ण जीतना भी एक कीर्तिमान है।
ऊषा ने अब तक 101 अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते हैं। वे दक्षिण रेलवे में अधिकारी पद पर कार्यरत हैं। 1985 में उन्हें पद्म श्री व अर्जुन पुरस्कार दिया गया। जकार्ता, इंडोनेशिया में 1985 की एशियाई दौड़-कूद प्रतियोगिता में ऊषा ने 100, 200, 400, 400 बाधा व 4&400 रिले में 5 स्वर्ण जीते। उन्होंने 4&400 रिले में कांस्य भी जीता। किसी भी महिला द्वारा किसी एक ही दौड़ प्रतियोगिता में सबसे अधिक पदक जीतने का यह कीर्तिमान है।
पुरस्कार व सम्मान
अर्जुन पुरस्कार विजेता, 1984
जकार्ता एशियाई दौड़ प्रतियोगिता की महानतम महिला धाविका, 1985 में।
पद्म श्री 1984 में।
एशिया की सर्वश्रेष्ठ धाविका 1984, 1985, 1986, 1987 व 1989 में।
सर्वश्रेष्ठ रेलवे खिलाड़ी के लिए मार्शल टीटो पुरस्कार, 1984, 1985, 1989, व 1990 में।
1986 सियोल एशियाई खेल में सर्वश्रेष्ठ धाविका होने पर अदिदास स्वर्णिम पादुका ईनाम पाया
दौड़ में श्रेष्ठता के लिए 30 अंतर्राष्ट्रीय इनाम।
केरल खेल पत्रकार इनाम, 1999।
सर्वश्रेष्ठ धाविका के लिए विश्व ट्रॉफी, 1985, 1986