4 साल पहले पान बेचते थे संकेत सागर, अब कॉमनवेल्थ पोडियम तक पहुंचे
punjabkesari.in Saturday, Jul 30, 2022 - 07:51 PM (IST)
सांगली : बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए वेटलिफ्टर संकेत महादेव ने 55 किलो भार वर्ग में रजत पदक जीता। भारत के लिए पदक खाता खोलने वाले संकेत अबतक काफी साधा जीवन जीते आए हैं। संकेत के पिता की सांगली में एक पान की दुकान है। इस साल कॉमनवेल्थ खेलों में भारत की ओर से कोई भी मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने संकेत का जीवन काफी संघर्षों से भरा हुआ रहा है।
संकेत बेहद गरीब परिवार से हैं और उनकी कामयाबी के पीछे परिवार का बड़ा हाथ रहा है। संकेत के पिता की सांगली में एक पान की दुकान है। संकेत कोल्हापुर के शिवाजी यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री के छात्र हैं। वह इससे पहले खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 में भी अपनी कैटेगरी के चैम्पियन रहे हैं।
इंटरनेशनल लेवल पर संकेत का ये पहला बड़ा मेडल है। सुबह साढ़े पांच बजे उठकर ग्राहकों के लिए चाय बनाने के बाद ट्रेनिंग, फिर पढ़ाई और शाम को फिर दुकान से फारिग होकर व्यायामशाला जाना, करीब सात साल तक संकेत की यही दिनचर्या हुआ करती थी। संकेत सरगर स्वर्ण पदक से महज एक किलोग्राम से चूक गए, क्योंकि क्लीन एंड जर्क वर्ग में दूसरे प्रयास के दौरान चोटिल हो गए थे।
संकेत महादेव सरगर ने बीते साल ही ताशकंद में हुई राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2021 में पुरुषों के 55 किग्रा स्नैच वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। टॉप-पोडियम फिनिश के लिए भारतीय खिलाड़ी ने 113 किग्रा भार उठाया। इस लिफ्ट के साथ सरगर ने स्नैच का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया। सरगर की इस उपलब्धि पर स्पोटर््स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ट्विट किया था- मेडल अलर्ट। संकेत महादेव सरगर ने कॉमनवेल्थ सीनियर चैंपियनशिप 2021 में पुरुषों की 55 किग्रा स्नैच श्रेणी में स्वर्ण जीतने के लिए 113 किग्रा भार उठाया।