कौन हैं जेमिमा रोड्रिग्स? भारत को वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचाने वाली 'लिटिल पावरहाउस'

punjabkesari.in Friday, Oct 31, 2025 - 06:05 AM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्कः भारतीय महिला क्रिकेट टीम की निडर बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम से वर्ल्ड कप फाइनल का टिकट छीन लिया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में उन्होंने वह कर दिखाया जो हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी का सपना था।

सेमीफाइनल में लिखा इतिहास

ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 339 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था। यह किसी भी टीम के लिए दबाव भरा स्कोर था। लेकिन जब भारतीय टीम ने शुरुआत में दो जल्दी विकेट गंवाए, तब क्रीज़ पर उतरीं जेमिमा रोड्रिग्स ने महज 23 साल की उम्र में मैच को पलट दिया।

उन्होंने 134 गेंदों में 127 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसमें 14 चौके और 3 छक्के शामिल थे। उनकी यह इनिंग न सिर्फ भारत को जीत दिलाने वाली रही बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी सफल चेज़ में से एक बन गई। अब भारत 2 नवंबर को साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल खेलेगा।

17 साल की उम्र में डेब्यू, आज टीम की रीढ़

5 सितंबर 2000 को मुंबई के बांद्रा इलाके में जन्मी जेमिमा ने सिर्फ 17 साल की उम्र में साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। तब उन्हें टीम की “बेबी ऑफ द स्क्वाड” कहा जाता था। लेकिन समय के साथ वही ‘बेबी’ अब टीम इंडिया की रीढ़ बन चुकी हैं। बीच में उन्हें टीम से बाहर भी किया गया, पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में वापसी करते हुए उन्होंने दिखा दिया कि वह भारत की बल्लेबाजी की भविष्य की नींव हैं।

चर्च और क्रिकेट — दोनों से जुड़ी जड़ें

जेमिमा एक कैथोलिक परिवार से आती हैं। उनके पिता इवान रोड्रिग्स मुंबई की एक स्कूल क्रिकेट टीम के कोच हैं और जेमिमा की शुरुआती ट्रेनिंग भी उन्होंने ही दी थी। उनकी मां लोरी रोड्रिग्स एक म्यूजिक टीचर हैं, और जेमिमा भी एक अच्छी गिटार प्लेयर और सिंगर हैं।
मैच के बाद उन्हें अक्सर अपने टीममेट्स के साथ गाते या गिटार बजाते देखा जाता है।

विदेशी लीगों से करियर को मिला नया मोड़

जेमिमा का अंतरराष्ट्रीय करियर असली उड़ान तब भरने लगा जब उन्हें इंग्लैंड की Kia Super League (KSL) में खेलने का मौका मिला। वहां उन्होंने 401 रन बनाए, औसत 57.28 और स्ट्राइक रेट 149.62 रहा। इसके बाद उन्होंने The Hundred, WBBL (Australia) और WPL (India) में भी अपनी पहचान बनाई।

उनकी विदेशी लीगों में परफॉर्मेंस ने न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ाया बल्कि उन्हें एक ग्लोबल क्रिकेट स्टार बना दिया।

करियर का संघर्ष और वापसी

साल 2023 के टी20 वर्ल्ड कप के बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। वह समय उनके लिए बेहद कठिन था, उन्होंने खुद कहा था कि “मुझे लगा मेरा करियर खत्म हो गया।” लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। लगातार मेहनत, फिटनेस पर फोकस और बल्लेबाजी तकनीक में सुधार कर उन्होंने 2024 में शानदार वापसी की। अब वह टीम की सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में गिनी जाती हैं।

भविष्य की उम्मीद

जेमिमा रोड्रिग्स सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि नई पीढ़ी की प्रेरणा हैं। उनकी कहानी बताती है कि सफलता सिर्फ टैलेंट से नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और आत्मविश्वास से मिलती है। वो आज सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे भरोसेमंद मिडल-ऑर्डर बल्लेबाजों में शुमार हैं। और अगर उनका यही फॉर्म जारी रहा, तो 2 नवंबर का फाइनल भारत के नाम होना तय है।


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Content Writer

Pardeep

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