बीसीसीआई मुख्यालय में बना 'SRT 100' बोर्ड रूम, तेंदुलकर हुए भावुक
punjabkesari.in Saturday, May 17, 2025 - 08:26 PM (IST)

मुंबई : भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को मुंबई स्थित मुख्यालय में उनके नाम पर 'एसआरटी 100' बोर्ड रूम नामित करने के लिए धन्यवाद दिया। तेंदुलकर ने शीर्ष पदाधिकारियों की मौजूदगी में इस बोर्ड रूम का उद्घाटन किया। तेंदुलकर ने कहा कि रोजर बिन्नी (अध्यक्ष), देवजीत सैकिया (सचिव), राजीव शुक्ला (उपाध्यक्ष), और रोहन गौंस देसाई (संयुक्त सचिव) सहित सभी बीसीसीआई पदाधिकारियों और अधिकारियों को दिल से धन्यवाद। 1989 में मेरा पहला पाकिस्तान दौरा और बीसीसीआई का शुरुआती कार्यालय, जो सीसीआई ब्रेबोर्न स्टेडियम के सामने एक छोटे से कमरे में था, मुझे आज भी याद है। वहां से इस आधुनिक मुख्यालय तक का सफर शानदार है। उन्होंने ट्रॉफियों को अनमोल बताते हुए कहा कि ये ट्रॉफियां बीसीसीआई और खिलाड़ियों की मेहनत और योजना का प्रतीक हैं। ये वो पल हैं जब पूरा देश एकजुट होकर उत्सव मनाता है।
Salute to Sachin tendulkar, SRT 100 Board Room in BCCI Headquarterhttps://t.co/aFcynFGct1
— Punjab Kesari- Sports (@SportsKesari) May 17, 2025
2011 विश्व कप की यादें
2011 वनडे विश्व कप ट्रॉफी को देखकर तेंदुलकर ने 2007 की निराशा को याद किया, जब वेस्टइंडीज दौरे के बाद वे करियर को लेकर असमंजस में थे। “मेरे भाई ने कहा, ‘2011 का विश्व कप भारत में होगा और फाइनल वानखेड़े स्टेडियम में। क्या तुम खुद को इस ट्रॉफी के साथ विजयी लैप लेते देख सकते हो?’ उनके शब्दों ने मुझे प्रेरित किया। 2007 से 2011 तक का सफर मेरे क्रिकेट करियर का सबसे यादगार लम्हा रहा।”
1983 विश्व कप और प्रेरणा
1983 की विश्व कप ट्रॉफी पर तेंदुलकर ने कहा, “इस प्रूडेंशियल कप ने मेरे करियर को प्रेरित किया। उस टीम के खिलाड़ी रोजर बिन्नी आज यहां हैं। 1983 से 2011 तक की उपलब्धियां बीसीसीआई की योजना और खिलाड़ियों के प्रयासों का नतीजा हैं।”
भारतीय क्रिकेट का भविष्य
भारतीय क्रिकेट के भविष्य पर तेंदुलकर आशावादी हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पास बेहतरीन टीम, अच्छे नेता और महत्वाकांक्षी युवा हैं। देशहित में सही निर्णय लिए जाएंगे। रिटायरमेंट के बाद भी मैं भारत के लिए बल्लेबाजी जारी रखूंगा। उम्मीद है, मैं महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा बनूंगा, जो हमें उत्सव का मौका देंगे।”
आभार और उम्मीद
तेंदुलकर ने बीसीसीआई के इस सम्मान को गर्मजोशी भरा इशारा बताया और कहा, “यहां होना सुखद है। यह मेरा आखिरी दौरा नहीं होगा। मैं इन ट्रॉफियों को निहारने आता रहूंगा। उम्मीद है, भविष्य में और ट्रॉफियां आएंगी, जो हमारी सामूहिक मेहनत का परिणाम होंगी। सभी को शुभकामनाएं और मुझे आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद।”