काैन है टीग वायली? जो द्रवि़ड़ से प्रेरित होकर क्रीज पर डटा रहा, शतक लगाकर हासिल की बड़ी उपलब्धि

punjabkesari.in Saturday, Oct 08, 2022 - 02:05 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : हर खिलाड़ी क्रिकेट मैदान पर उतरते ही ऐसी पारी खेलनी की कामना रखना है जो यादगार बन जाए। खासकर युवा खिलाड़ी, जो कम उम्र में नाम बनाने के लिए ना सिर्फ प्रैक्टिस करते दाैरान पसीना बहाते हैं, बल्कि किसी ना किसी सीनियर खिलाड़ी को फोलो भी करते हैं। इसी सोच के साथ आगे बढ़ने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं टीग वायली। जी हां, बहुत कम लोगों ने यह नाम सुना होगा, लेकिन इस खिलाड़ी ने कम उम्र में वो उपलब्धि हासिल कर ली, जहां तक पहुंचना आसान नहीं था। 

काैन है टीग वायली? जिसने हासिल की बड़ी उपलब्धि
दरअसल, टीग वायली एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर हैं जो पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हैं और ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए भी खेलते हैं। फिलहाल वह शेफील्ड शील्ड क्रिकेट में खेल रहे हैं, जहां वह टूर्नामेंट के पहले मैच में ही शतक लगाकर पूर्व महान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग के बाद से शेफील्ड शील्ड क्रिकेट में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। 18 साल के टीग वायली अपने तीसरे शील्ड मैच में न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट एसोसिएशन ग्राउंड में 104 रनों की पारी खेली दाएं हाथ के बल्लेबाज वायली 18 साल और 163 दिन के हैं, और अब पोंटिंग के बाद शील्ड क्रिकेट में शतक तक पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। वहीं पोंटिंग 18 साल और 40 दिन के थे जब उन्होंने 1992-93 में इस टूर्नामेंट के दाैरान अपना पहला शतक बनाया था।

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द्रवि़ड़ से प्रेरित होकर क्रीज पर डटा रहा
वायली की शतकीय पारी की मदद से पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से जीत दर्ज हुई। जीत के बाद वायली ने बयान देते हुए भारत के पूर्व कप्तान व माैजूदा मुख्य कोच राहुल द्रवि़ड़ को अपना आदर्श बताया। वायली ने कहा कि उनकी इस पारी का कारण द्रविड़ रहे, जिनसे प्रेरित होकर वह क्रीज पर डटे रहे। उन्होंने कहा कि द्रविड़ किसी और की तुलना में अपने विकेट को अधिक महत्व देते हैं, और वह लंबे समय तक क्रीज पर रहने का प्रयास करते हैं।

वायली ने कहा, “मैंने बड़े होकर राहुल द्रविड़ को आदर्श बनाया। वह किसी अन्य बल्लेबाज के मुकाबले अपने विकेट को महत्व देते हैं। जब बात विकेट को बचाने और लंबे समय तक बल्लेबाजी करने की बात आती है तो मैंने उनकी पारियों का आंकलन किया। केन विलियमसन एक और हैं जिनसे मैं बहुत कुछ सीखने की कोशिश करता हूं।” उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के महत्व के बारे में भी विस्तार से बात की, जहां उन्हें बस बल्लेबाजी करना पसंद है। वायली ने कहा, “टेस्ट क्रिकेट खेलते रहना लक्ष्य है और मेरा मानना ​​है कि जब क्रिकेट की बात आती है तो यह प्रारूप बड़ा है। मैंने हमेशा लंबे समय तक बल्लेबाजी करना पसंद किया है।”

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5वें नंबर पर उतरे थे वायली
मैच की बात करें तो न्यू साउथ बेल्स की पहली पारी महज 180 रनों पर ढेर हो गई थी। जवाब में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की आधी टीम महज 96 रनों पर ही सिमट गई थी, लेकिन 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए वायली ने डटकर गेंदबाजों का सामना किया। उन्होंने द्रविड़ की तरह क्रीज पर पैर जमाए रखे व धीरे-धीरे स्कोर करते रहे। उन्होंने 5 चाैकों की मदद से 204 गेंदों में 104 रन बनाए, जिस कारण उनकी टीम पहली पारी में 258 रन बना सकी। दूसरी पारी में उतरी न्यू साउथ बेल्स 162 रन बना सका। जवाब में मिले 85 रनों के मामूली लक्ष्य को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से हासिल कर लिया।  


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News Editor

Rahul Singh

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