इस दिग्गज की एक पारी ने संजू सैमसन को बनाया क्रिकेटर, करीबी दोस्त ने किया खुलासा
punjabkesari.in Thursday, May 09, 2024 - 07:28 PM (IST)
बेंगलुरु : विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन सिविल सेवा में जाना चाहते थे लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया। वह क्रिकेटर बने और आजकल अपनी बल्लेबाजी और सूझबूझ भारी कप्तानी के लिए जाने जाते हैं। सैमसन आईपीएल 2024 में फिलहाल राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी कर रहे हैं। बतौर कप्तान वह अपनी टीम को अंक तालिका पर दूसरे स्थान पर ले गए हैं। टूर्नामेंट की इस स्टेज पर राजस्थान का प्लेऑफ में जाना पक्का लग रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर सैमसन के पुराने दोस्त का एक बयान वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने दावा किया कि 8 अप्रैल 2008 को कोलकाता नाइट राइडर्स के ब्रैंडन मैकुलम की 73 गेंद में 158 रन की पारी देखकर ही सैमसन ने क्रिकेटर बनने का फैसला लिया था।
केरल के पूर्व खिलाड़ी रायफी विन्सेंट गोमेज इस विकेटकीपर बल्लेबाज के करीबी मित्र हैं। उन्होंने बताया कि संजू हमेशा उस दिन को याद करते हैं, जिसने उन्हें शीर्ष खिलाड़ियों की जमात में पहुंचने का सपना दिखाया था। सैमसन का क्रिकेट के प्रति समर्पण पर बात करते हुए भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पूर्व क्षेत्ररक्षण कोच बीजू जॉर्ज ने कहा कि बारिश हो या कड़ी धूप संजू और उसका भाई सली तिरूवनंतपुरम में मेडिकल कॉलेज मैदान में नेट पर होते थे। एक दिन यहां बहुत बारिश हो रही थी, मैंने सोचा संजू विजिंगजम में अपने घर से करीब 25 किलोमीटर दूर नेट पर नहीं आएगा। लेकिन वह समय पर मौजूद था।
उन्होंने कहा कि वह अपनी क्रिकेट किट लेकर आया था जिसमें उसकी स्कूल की ड्रेस भी थी ताकि वह ट्रेनिंग के बाद स्कूल जा सके। उस उम्र में भी वह इतना अडिग था। यह अनुशासन शायद उसे अपने परिवार से मिला जिसमें उसके पिता विश्वनाथ दिल्ली पुलिस में फुटबॉल खिलाड़ी थे जिन्होंने अपने बेटे की इच्छा का पूरा समर्थन किया। वह दिल्ली पुलिस टीम के साथ संजू और उसके भाई के लिए नेट की व्यवस्था करते और वे अकसर उनसे अधिक उम्र के क्रिकेटरों के साथ खेलते।
गोमेज ने कहा कि संजू के लिए उसके पिता प्रेरणास्रोत थे। वह हमेशा संजू के मैच देखने के लिए आते थे। संजू की परवरिश उत्तरी दिल्ली में जीटीबी नगर की एक पुलिस कॉलोनी में हुई। वह आधुनिक युग का खिलाड़ी है, वह सोशल मीडिया पर सक्रिय है, मलयालम के फिल्मी स्टार और नेताओं से उसका करीबी रिश्ता है और वह कई विज्ञापनों में भी दिखता है। लेकिन इस शोहरत का असर उसके व्यवहार में नहीं दिखता और जॉर्ज का कहना है कि इसी कारण वह केरल में काफी लोकप्रिय हैं।
जॉर्ज ने कहा कि मलयाली लोगों को दिखावा करने वाले लोग पसंद नहीं हैं, भले ही यह उनकी जानकारी, पैसे या शोहरत का हो। संजू अब तक बहुत ही विनम्र बने हुए हैं और यही चीज उन्हें राज्य के लोगों में लोकप्रिय बनाती है। उन्होंने कहा कि केरल से कुछ शीर्ष स्तर के खिलाड़ी निकले हैं जिनमें पीटी ऊषा और श्रीसंत शामिल हैं। मैं उन पर ऊंगली नहीं उठा रहा हूं लेकिन कभी कभार मलयाली को उनका लोगो में खुद को पेश करने और बात करने का तरीका पसंद नहीं आता। पर संजू अलग है। उसके अब भी वहीं दोस्त हैं जिसमें निकोलस उसका मैनेजर है, राहुल राघव बचपन का दोस्त है।
संजू अब भी शॉट्स और चप्पल में स्थानीय दुकानों में जाता है। और शायद फुटबॉलर आईएम विजयन राज्य के प्रशंसकों में ऐसा रूतबा रखते थे। विज्ञापन और मार्केटिंग पेशेवर राजेश आर नायर ने कहा कि विजयन जब खेलते थे तो सुपरस्टार थे। लेकिन वह अपने गृहनगर त्रिशूर की जड़ों से जुड़े रहे। संजू भी इतने स्टारडम के बावजूद तिरूवंतपुरम और केरल से जुड़े हुए हैं।